नई दिल्ली, 12 अगस्त (Viraltak.com) : सोशल मीडिया पर वाराणसी नगर निगम चुनाव 2023 (वार्ड संख्या 51 – भेलूपुर) की एक वोटर लिस्ट काफी वायरल है। इस लिस्ट में रामकमल दास नामक एक शख्स को 48 मतदाताओं के पिता के रूप में दिखाया गया है। हाल ही में राहुल गांधी द्वारा भारत निर्वाचन आयोग पर वोट चोरी के आरोप लगाने के बाद, कई यूजर्स इस वोटर लिस्ट के स्क्रीनशॉट को शेयर कर आयोग पर वोट धांधली करने का आरोप लगा रहे हैं।
हालांकि, हमारी जांच में वायरल दावा भ्रामक निकला। जांच में पता चला कि रामकमल दास, राम जानकी मठ, खोजवा, वाराणसी के महंत हैं और उनके शिष्यों ने गुरु-शिष्य संत परंपरा में जुड़ने के बाद पिता के नाम की जगह पर गुरु का नाम लिखवाया था। चुनाव आयोग ने भी मार्च 2025 में स्पष्ट किया था कि इसमें धांधली जैसा कुछ नहीं है।
क्या है वायरल दावा?
कांग्रेस समर्थक नेहा सिंह राठौर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ‘एक्स’ पर #votechoriexposed #VoteChori #VoteChor जैसे हैशटैग के साथ वोटर लिस्ट की तस्वीर शेयर करते हुए कैप्शन में लिखा, “वाराणसी में रामकमल दास जी अपने घर में 43 बेटों के साथ रहते हैं. 13 एक साथ पैदा हुए, बाकियों की उम्र 35 से 49 साल के बीच है. ये मैं नहीं चुनाव आयोग कह रहा है. चुनाव आयोग की “निष्पक्षता और ईमानदारी” का ये दस्तावेज़ इतिहास में दर्ज़ होगा।”
वाराणसी में रामकमल दास जी अपने 43 बेटों के साथ रहते हैं.
लिस्ट आप लोग ख़ुद देख लीजिए.#voterlistscam #VoteChori #VoteChor pic.twitter.com/fBr0xzfEdy
— Neha Singh Rathore (@nehafolksinger) August 12, 2025
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फाइनेंशियल एक्सप्रेस के पूर्व पत्रकार अभय सिंह ने लिखा,“बर्बाद-ए-गुलिस्तां करने को एक ही उल्लू काफी है अंजाम-ए-गुलिस्तां क्या होगा जब हर शेख पे उल्लू बैठ हो। @narendramodi @ECISVEEP इसके लिए किसका एफिडेविट लगेगा?”
बर्बाद-ए-गुलिस्तां करने को एक ही उल्लू काफी है
अंजाम-ए-गुलिस्तां क्या होगा जब हर शेख पे उल्लू बैठ हो।@narendramodi @ECISVEEP इसके लिए किसका एफिडेविट लगेगा? pic.twitter.com/3tTEpIuPdW— Abhinay Singh (He/Him) (@_abhikalp) August 12, 2025
कांग्रेस समर्थक पत्रकार कृष्ण कांत ने लिखा, “वोट चोरी का सबसे बड़ा कमाल तो वाराणसी में हुआ 57 साल के रामकमलदास ने 72 साल का बेटा पैदा कर दिया। रामकमलदास के कुल 50 बच्चे हैं। सबसे छोटा 28 साल का है तो सबसे बड़ा 72 साल का। इतने सारे लोग एक ही मकान में रहते हैं। #VoteChori”
वोट चोरी का सबसे बड़ा कमाल तो वाराणसी में हुआ
57 साल के रामकमलदास ने 72 साल का बेटा पैदा कर दिया।
रामकमलदास के कुल 50 बच्चे हैं। सबसे छोटा 28 साल का है तो सबसे बड़ा 72 साल का।
इतने सारे लोग एक ही मकान में रहते हैं। #VoteChori pic.twitter.com/29AEGc7Lh5
— Krishna Kant (@kkjourno) August 12, 2025
दिव्या कुमारी नाम की फर्ज़ी यूजर ने लिखा, “वाराणसी से नरेंद्र मोदी की जीत में राजकमल दास का अभूतपूर्व योगदान है। राजकमल दास ने 50 बच्चे पैदा किए। सबसे छोटा 28 साल का है तो सबसे बड़ा मोदीजी से 3 साल छोटा, यानी 72 का है। सभी वोटर लोग एक ही मकान में हंसी–खुशी रहते हैं। इस नाते नरहरि दास का बेटा राजकमल दास मोदीजी का भी बाप जैसा हुआ। लेकिन, मोदी ने अपने इस फ़र्ज़ी बाप से मिलने की कभी ज़हमत नहीं उठाई। अब राज़ खुलने पर मिलना हो सकता है। 😂😂 #VoteChori”
वाराणसी से नरेंद्र मोदी की जीत में राजकमल दास का अभूतपूर्व योगदान है।
राजकमल दास ने 50 बच्चे पैदा किए। सबसे छोटा 28 साल का है तो सबसे बड़ा मोदीजी से 3 साल छोटा, यानी 72 का है।
सभी वोटर लोग एक ही मकान में हंसी–खुशी रहते हैं।
इस नाते नरहरि दास का बेटा राजकमल दास मोदीजी का भी… pic.twitter.com/wuevJ5B9gx
— दिव्या कुमारी (@divyakumaari) August 12, 2025
वहीं, अपनी पत्रकारिता से क्रांति लाने का दावा करने वाले कथित पत्रकार पुण्य प्रसून बाजपेई लिखते हैं, “ये वाराणसी है…50 बच्चों के पिता का नाम राजकमल दास..सबसे छोटा बेटा राघ्वेन्द्र 28 साल का..सबसे बड़ा बेटा बनवारी दास 72 साल का..”
ये वाराणसी है…
50 बच्चों के पिता का नाम राजकमल दास..
सबसे छोटा बेटा राघ्वेन्द्र 28 साल का..
सबसे बड़ा बेटा बनवारी दास 72 साल का.. pic.twitter.com/6488ZBwIQr— punya prasun bajpai (@ppbajpai) August 12, 2025
क्या है दावे की सच्चाई?
वायरल दावे की सच्चाई जाननें के लिए हमारी टीम ने उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग की वेबसाइट- (https://sec.up.nic.in/site/VoterListULB.aspx) से 2023 में हुए नगर निगम चुनाव की वाराणसी वार्ड संख्या 51 – भेलूपुर की वोटर लिस्ट डाउनलोड की। लिस्ट की जांच करने पर पता चला कि मकान संख्या B, 24/19 के अंतर्गत कुल 51 मतदाता दर्ज थे, जिनमें से 48 मतदाताओं ने अपने पिता के नाम के रूप में रामकमल दास का नाम लिखवाया था। वोटर लिस्ट यहां देखें। पेज 205
जांच को आगे बढ़ाते हुए हमारी टीम ने संबंधित की-वर्ड की मदद से गूगल ओपन सर्च किया और इससे जुड़ी मीडिया रिपोर्ट्स खंगाली। हमें एबीपी न्यूज की वेबसाइट पर 5 मई 2023 को प्रकाशित एक रिपोर्ट मिली, जिसमें स्वामी रामकमल दास के प्रतिनिधि के हवाले से बताया गया कि गुरु-शिष्य परंपरा के तहत लोग अपने पिता के नाम की जगह गुरु रामकमल का नाम दर्ज कराते रहे हैं।
दैनिक जागरण की वेबसाइट पर प्रकाशित रिपोर्ट के मुताबिक, स्वामी रामकमल दास वेदांती रामजानकी मठ, खोजवां के महंत हैं। मठ प्रबंधक रामभरत शास्त्री ने जागरण को बताया कि गुरु-शिष्य संत परंपरा में जुड़ने के बाद शिष्यों का नाम बदल दिया जाता है और पिता के नाम की जगह गुरु का नाम लिखा जाता है। पहले 150 लोगों के पिता के रूप में स्वामी जी का नाम दर्ज था, जो अब घटकर 48 रह गया।
पड़ताल के अगले चरण में हमें उत्तर प्रदेश राज्य निर्वाचन आयोग के आधिकारिक एक्स अकाउंट पर इस संबंध में जानकारी मिली। उन्होंने 12 मार्च 2025 को पोस्ट शेयर करते हुए लिखा, “पिछले 2-3 दिनों से सोशल मीडिया पर (उद्धृत ट्वीट में दिखाए गए अनुसार) उत्तर प्रदेश के एक मतदान केंद्र की मतदाता सूची की तस्वीर वायरल हो रही है। दावा किया गया है कि इस मतदाता सूची में श्री राजकमल दास और उनके 43 पुत्रों के नाम शामिल हैं।”
उन्होंने आगे लिखा, “फोटो में दिखाई गई मतदाता सूची वही है जो शहरी स्थानीय निकाय चुनावों में उपयोग की जाती है। यह बात मतदाता सूची पर मौजूद वॉटरमार्क और फोटोग्राफ के बाएं ऊपरी हिस्से में दिख रहे मतदान केंद्र के आंशिक नाम से स्पष्ट है।”
पोस्ट में आगे लिखा था, “यह उल्लेखनीय है कि किसी धार्मिक मठ/आश्रम के मामले में वहाँ रहने वाले व्यक्ति/संन्यासी अपने पिता के नाम के स्थान पर अपने गुरु के नाम से पहचाने जाते हैं। यह भी संभव है कि किसी आश्रम में रहने वाले कई संन्यासी समान आयु के हों।”
Photograph of voter list of a polling station in UP (as shown in the quoted tweet) is getting circulated in the social media for last 2-3 days. It is being alleged that the voter list contains names of certain Mr. Rajkamal Das and his 43 sons. @SpokespersonECI https://t.co/L8VdgyPORD
— CEO UP (@ceoup) March 12, 2025
वायरल तक फैक्ट चेक डेस्क की अब तक की जांच से यह स्पष्ट है कि वायरल वोटर लिस्ट असली है, लेकिन इसमें “रामकमल दास” को पिता के रूप में दिखाया जाना परंपरा और शिष्य-गुरु संबंध का हिस्सा है, न कि चुनाव आयोग की कोई धांधली। हमारी जांच में धांधली का दावा भ्रामक निकला।
