नई दिल्ली, 30 नवंबर (ViralTak Fact Check) : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन को अप्रत्याशित जीत मिलने के बाद विपक्षी दलों ने फिर से ईवीएम को लेकर सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं। विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन को 288 में से 234 सीटें मिली। जिसके बाद कांग्रेस, शिवसेना (उद्धव गुट) समेत महाराष्ट्र और देश की दूसरी बड़ी राजनीतिक पार्टियां भी चुनाव आयोग पर निशाना साध रही हैं और बैलेट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रही हैं।
इसी कड़ी में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। कथित वीडियो में मोदी को बैलेट पेपर की तारीफ करते हुए दिखाया गया है। लोगों का कहना है कि 2014 में सत्ता में आने से पहले नरेन्द्र मोदी बैलेट पेपर के पक्षधर थे लेकिन सत्ता में आते ही उन्होंने Electronic voting machine (ईवीएम) की तारीफ करनी शुरू कर दी। हालांकि, वायरल वीडियो की जांच में यह दावा फर्जी निकला। पता चला कि वायरल वीडियो मोदी के सत्ता में आने के बाद का है और मूल वीडियो में उन्होंने ईवीएम की तारीफ की थी।
क्या है वायरल दावा?
एलन मस्क के स्वामित्व वाली सोशल मीडिया साइट ‘एक्स’ पर मोहित चौहान नाम के यूजर ने 28 नवंबर को एक वीडियो शेयर किया। वीडियो में नरेंद्र मोदी कथित तौर पर कहते हैं, “हमारा देश गरीब है लोग अनपढ़ है लोगों को कुछ आता नहीं है भाईयों बहनों…अरे दुनिया के पढ़े लिखे देश भी जब चुनाव होता है न, तो बैलेट पेपर पर नाम पढ़कर के फिर ठप्पा मारते हैं, आज भी।” इसी वीडियो के साथ यूजर ने कैप्शन में अंग्रेजी में लिखा, “नरेन्द्र मोदी 2014 से पहले कहते थे कि चुनाव ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से कराए जाने चाहिए। यहां तक कि अमेरिका के लोग भी ईवीएम नहीं बल्कि बैलेट पेपर का इस्तेमाल करते हैं। ” इस वीडियो को अब तक 74k व्यूज मिल चुके हैं और हजारों लोगों ने इसे लाइक किया है। पोस्ट (आर्काइव) यहां देखें।
🚨🚨Elections should be conducted using ballot papers rather than EVMs.
Even the people of America use ballot paper not EVMs.
—Narendra Modi before 2014 pic.twitter.com/ZAS6Oeg8wK
— Mohit Chauhan (@newt0nlaws) November 28, 2024
इसी प्लेटफॉर्म पर YSRCP Europe नामक यूजर ने अंग्रेजी में लिखा, “चुनाव ईवीएम की जगह बैलेट पेपर से कराए जाने चाहिए : 2014 से पहले नरेन्द्र मोदी” पोस्ट (आर्काइव) यहां देखें।
Elections should be conducted using ballot papers rather than EVMs
– NaMo before 2014 pic.twitter.com/rw48awkb70
— YSRCP Europe (@YSRCPEurope) November 28, 2024
क्या है दावे की सच्चाई?
वायरल तक फैक्ट चेक डेस्क ने नोटिस किया कि वायरल वीडियो सिर्फ 30 सेकंड लंबा है और यह भाषण का एक छोटा सा हिस्सा है। इसलिए पूरी सच्चाई जानने के लिए हमने इसके की-फ्रेम्स को रिवर्स सर्च किया।
ऐसा करने पर हमें प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के भाषण का पूरा हिस्सा उनके आधिकारिक यूट्यूब चैनल पर मिला। पता चला कि यह वीडियो 3 दिसंबर 2016 को अपलोड किया गया था। यानी साफ है कि वीडियो नरेन्द्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने के बाद का है। मोदी का यह भाषण उत्तर प्रदेश के मुरादाबाद में हुई परिवर्तन रैली का था।
यूट्यूब चैनल पर मोदी का भाषण करीब 45 मिनट लंबा था। हमने पूरा भाषण ध्यान से सुना। भाषण के 37 मिनट के बाद के हिस्से में भी वायरल वीडियो वाला हिस्सा भी सुना जा सकता है, जो अधूरा था।
मूल भाषण में नरेन्द्र मोदी ने कहा था, “… कुछ लोग कहते हैं कि हमारा देश गरीब है, लोग अनपढ़ हैं, लोगों को कुछ आता नहीं है भाईयों-बहनों, अरे, दुनिया के पढ़े-लिखे देश में भी जब चुनाव होता है न तो बैलेट पेपर पर नाम पढ़कर के फिर ठप्पा मारते हैं, आज भी। अमेरिका में भी, ये हिंदुस्तान है, जिसको आप अनपढ़ कहते ह, गरीब कहते हो, वो बटन दबाकर वोट देना जानता है।” पूरा भाषण सुने।
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण के दौरान भारतीय लोगों की तकनीकी कुशलता की तारीफ की थी। उन्होंने अपने भाषण में डिजिटल इंडिया से लेकर ईवीएम के जरिए चुनाव कराए जाने तक का जिक्र किया और इसकी खूब तारीफ की थी। लेकिन उनके भाषण का अधूरा और क्लिप्ड हिस्सा सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ शेयर किया गया, जिससे सोशल मीडिया पर भ्रम की स्थिति पैदा हो गई।